राष्ट्रपति रायसी, विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन और अन्य अधिकारियों को ले जा रहे हेलीकॉप्टर का उड़ान के लगभग 30 मिनट बाद संपर्क टूट गया।
19 मई 2024 – एक बड़ी खबर के साथ, ईरान के राष्ट्रपति का हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ। यह दुर्घटना तब हुई जब राष्ट्रपति और उनके दल एक आधिकारिक यात्रा पर जा रहे थे। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, दुर्घटना के लक्षणों का अभी तक स्पष्ट पता नहीं चल पाया है, लेकिन तकनीकी मामलों या मौसम की गतिविधियों के अनुसार इसके लिए जिम्मेदार माना जा रहा है।
सर्वोच्च नेता के बाद राष्ट्रपति ईरान का दूसरा सर्वोच्च पद वाला अधिकारी होता है ।तो यह ईरान के लिए बहुत बुरी खबर है|
ईरान के राष्ट्रपति(इब्राहिम रायसी)
जन्म सैय्यद इब्राहीम रायसोलसदाति(14 दिसंबर 1960)
मृत 19 मई 2024 ( 63 वर्ष)
दुर्घटना का समय
दुर्घटना सुबह 11:30 बजे (स्थानीय समयानुसार) ईरान के पश्चिमी प्रांत इलाम के पास हुई।19 मई 2024 को, एक बेल 212 हेलीकॉप्टर खुदाफ़रिन से तबरीज़ के रास्ते में ईरान के वरज़कान के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
दुर्घटना उस समय हुई जब रायसी ईरान के पूर्वी अज़रबैजान में, अज़रबैजान-ईरान सीमा पर जोल्फा शहर के पास यात्रा कर रहे थे।
हेलीकाप्टर में कौन कौन थे?
हेलीकॉप्टर में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी, विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर-जनरल मालेक रहमती और पूर्वी अजरबैजान में सर्वोच्च नेता के प्रतिनिधि मोहम्मद अली आले-हाशेम सवार थे।
प्रारंभिक रिपोर्ट और कारण
घने जंगल के कारण, भारी बारिश, कोहरे और तेज हवाओं जैसी प्रतिकूल मौसम स्थितियों के कारण बचाव कार्यों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। ड्रोन, खोज और बचाव दल, विशेष रूप से प्रशिक्षित कुत्ते और कोपरनिकस उपग्रह प्रणाली ने खोज में सहायता की।https://www.indiatoday.in/world/story/iran-president-ebrahim-raisis-death-how-the-deadly-chopper-crash-unfolded-2541700-2024-05-20
तकनीकी खराबी
हेलीकॉप्टर की तकनीकी स्थिति पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस मॉडल के हेलीकॉप्टर की उम्र, उसकी नियमित सर्विसिंग और तकनीकी निरीक्षण की प्रक्रिया की जांच की जा रही है। यह देखा जाना बाकी है कि क्या दुर्घटना से पहले हेलीकॉप्टर में कोई तकनीकी समस्या रिपोर्ट की गई थी या नहीं।
मौसम की स्थिति
दुर्घटना के समय इलाम क्षेत्र में मौसम खराब था। घने बादल, तेज़ हवाएँ और संभावित बिजली गिरने की स्थिति ने उड़ान के लिए परिस्थितियाँ कठिन बना दी थीं। मौसम विभाग द्वारा जारी की गई रिपोर्टों के अनुसार, उस समय इलाके में तूफान की चेतावनी भी जारी की गई थी।
राहत और बचाव कार्य
दुर्घटना के तुरंत बाद, राहत और बचाव दल मौके पर पहुंचे। बचाव कार्यों में स्थानीय प्रशासन, सेना और आपातकालीन सेवाओं ने भाग लिया। यह क्षेत्र दुर्गम होने के कारण बचाव कार्यों में कठिनाई आई, लेकिन राहत दलों ने सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करते हुए स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की।
बचाव अभियान की चुनौतियाँ
इस क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति और मौसम की खराबी ने बचाव कार्यों को काफी जटिल बना दिया। हेलीकॉप्टर के मलबे को खोजने में समय लगा और बचाव दलों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें मुश्किल पहाड़ी रास्ते और खराब दृश्यता शामिल थे।
घायल और मृतकों की स्थिति
घटना के बाद, राष्ट्रपति के स्वास्थ्य की स्थिति और अन्य यात्रियों के बारे में जानकारी प्राप्त करना प्राथमिकता थी। रिपोर्टों के अनुसार, राष्ट्रपति गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जबकि कुछ अन्य यात्रियों की स्थिति गंभीर बनी हुई थी। कुछ यात्रियों की मौत की भी पुष्टि हुई है, लेकिन इनकी संख्या और पहचान अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है।
सरकारी प्रतिक्रिया
दुर्घटना के बाद, ईरान सरकार ने तत्काल आपात बैठक बुलाई और दुर्घटना की जांच के आदेश दिए। सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए सभी संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे दुर्घटना के कारणों का पता लगाने और बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए हर संभव प्रयास करें।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
इस दुर्घटना पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने भी तीव्र प्रतिक्रिया दी। कई देशों के नेताओं ने संवेदना संदेश भेजे और ईरान के साथ एकजुटता व्यक्त की। संयुक्त राष्ट्र और विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया और सहायता की पेशकश की।
जांच का दायरा
- हेलीकॉप्टर की तकनीकी स्थिति और मेंटेनेंस रिकॉर्ड।
- पायलट और क्रू के प्रशिक्षण और अनुभव।
- दुर्घटना के समय की मौसम स्थिति और उसकी भविष्यवाणी।
- विमानन सुरक्षा मानकों का पालन।
राजनीतिक स्थिरता
यदि राष्ट्रपति की स्थिति गंभीर बनी रहती है, तो यह देश की राजनीतिक स्थिरता के लिए एक चुनौती हो सकती है। इस स्थिति में, सत्ता के भीतर अंतरिम व्यवस्था और संभावित चुनाव की बातें भी सामने आ सकती हैं।
अंतर्राष्ट्रीय संबंध
इस घटना के बाद अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ ईरान के संबंधों में भी कुछ परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। कई देशों ने अपनी सहायता की पेशकश की है, जो अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा दे सकती है।
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